करो यवनिका पात ,कि अब तो पलकें भारी हो आयी हैं,
और अघिक नाटक कर पाना मेरे वश की बात नहीं है।
हारी थकी देह है मेरी अब तो सो जाने का मन है ,
जहां खो गये सपने मेरे खुद भी खो जाने का मन है।
सूत्रधार मेरी मजबूरी यदि हो सके क्षमा कर देना
अब झूठी मुस्कान दिखाना मेरे वश की बात नहीं है।
मुझको भी अफसोस रहेगा खेल अधूरा छूट रहा है
पर सामर्थ्य जवाब दे रही अब चुप हो जाने का मन है।
वे अरमान जिन्हें अपने ही हाथों सूली पर लटकाया,
पूछ रहे हैं आखिर पगली तूने जीवन में क्या पाया।
किसको क्या बतलाऊ मुझ को कोई क्या समझा पायेगा
मैंने अपने इस जीवन में संजो क्या ,क्या बिखराया।
कोई शून्य आ रहा घिरता मुझको बांहों में भरने को
इससे अधिक बता पाना अब मेर वश की बात नहीं है।।
Quote by Mrs. Abha Misra (Mausi) in remembrance of Naniji on her punya tithi.
और अघिक नाटक कर पाना मेरे वश की बात नहीं है।
हारी थकी देह है मेरी अब तो सो जाने का मन है ,
जहां खो गये सपने मेरे खुद भी खो जाने का मन है।
सूत्रधार मेरी मजबूरी यदि हो सके क्षमा कर देना
अब झूठी मुस्कान दिखाना मेरे वश की बात नहीं है।
मुझको भी अफसोस रहेगा खेल अधूरा छूट रहा है
पर सामर्थ्य जवाब दे रही अब चुप हो जाने का मन है।
वे अरमान जिन्हें अपने ही हाथों सूली पर लटकाया,
पूछ रहे हैं आखिर पगली तूने जीवन में क्या पाया।
किसको क्या बतलाऊ मुझ को कोई क्या समझा पायेगा
मैंने अपने इस जीवन में संजो क्या ,क्या बिखराया।
कोई शून्य आ रहा घिरता मुझको बांहों में भरने को
इससे अधिक बता पाना अब मेर वश की बात नहीं है।।
Quote by Mrs. Abha Misra (Mausi) in remembrance of Naniji on her punya tithi.
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